असम में बीती रात यानी सोमवार को करीमगंज के बदरपुर इलाके में भूस्खलन में तीन नाबालिगों सहित पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक पार्थ प्रोतिम दास ने इसकी जानकारी दी है। इस बीच असम में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। यहां 15 जिलों के 1.61 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को हैलाकांडी जिले में बाढ़ के पानी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की बाढ़ रिपोर्ट के मुताबिक, करीमगंज जिले में बाढ़ की स्थिति और भी बदतर हो गई है। यहां 41,711 बच्चों सहित 1.52 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। करीमगंज जिले के नीलामबाजार, आरके नगर, करीमगंज और बदरपुर राजस्व सर्किल के अंतर्गत 225 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और 22,464 बाढ़ प्रभावित लोग जिला प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविरों और राहत वितरण केंद्रों में शरण ले रहे हैं। एएसडीएमए बाढ़ रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 बाढ़ प्रभावित जिलों के 28 राजस्व सर्किलों के अंतर्गत 470 गांव प्रभावित हुए हैं और बाढ़ के पानी ने 11 जिलों में 1378.64 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है। 15 जिलों में 93,895 पालतू जानवर भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इससे पहले 15 जून को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नागरिक और पुलिस प्रशासन और काजीरंगा अधिकारियों के साथ बैठक की थी। सीएम ने संबंधित पदाधिकारियों से सभी आवश्यक कदम उठाने और प्रतिक्रिया प्रणाली को बढ़ाने के लिए कहा था। बैठक के दौरान असम के सीएम ने घोषणा की कि काजीरंगा में तीन नई कमांडो बटालियन तैनात की गई हैं। उनका मिशन राष्ट्रीय राजमार्ग पार करने वाले जानवरों से जुड़ी दुर्घटनाओं को रोकना और शिकारियों को वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने के लिए बाढ़ की स्थिति का फायदा उठाने से रोकना है। उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ के मौसम के दौरान काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एक नई वन बटालियन के लगभग 600 कर्मियों को भी सेवा में लगाया जाएगा।