केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि संसद में जब तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक भी सांसद है अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का आरक्षण खत्म नहीं होगा. तेलंगाना में निजामाबाद और कागजनगर में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस झूठ के आधार पर चुनाव लड़ रही है और उसके इस दावे का हवाला दिया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को 400 सीट मिलने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आरक्षण खत्म कर देंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कहना है कि मोदी को बहुमत मिलने पर वह आरक्षण खत्म कर देंगे, लेकिन उनके पास पिछले 10 वर्षों से पूर्ण बहुमत है. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इसका (बहुमत का) इस्तेमाल आरक्षण खत्म करने के लिए नहीं किया, बल्कि केवल अनुच्छेद 370, तीन तलाक खत्म करने और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को प्रतिबंधित करने तथा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने के लिए किया है. उन्होंने कहा, ‘‘वे लोग कहना चाहते हैं कि हम आरक्षण खत्म कर देंगे. मैं आज आपको मोदी की एक गारंटी देता हूं. जब तक देश की संसद में भाजपा का एक भी सदस्य है हम दलित, आदिवासी, ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) का आरक्षण खत्म नहीं होने देंगे.” शाह ने अपना एक फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाये जाने के मामले का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने भी वीडियो साझा किया था. रेड्डी के इस आरोप पर कि दिल्ली पुलिस (फर्जी वीडियो के मामले में) उनके पीछे पड़ी है, शाह ने पूछा कि फर्जी वीडियो बनाने पर और क्या होना चाहिए. शाह ने कहा कि मुस्लिम आरक्षण संवैधानिक नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा तेलंगाना की सत्ता में आने पर इसे रद्द कर देगी और आदिवासियों एवं दलितों का कोटा बढ़ाएगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी, एससी और एसटी के आरक्षण में कटौती कर उसे मुसलमानों को दे दिया. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक को खत्म कर दिया, लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी कहते हैं कि पार्टी के (केंद्र की) सत्ता में आने पर तीन तलाक बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ’ के मुताबिक देश चलाना चाहती है. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी अपने वोट बैंक के डर से राम मंदिर में रामलला के नवीन विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुए, जबकि उन्हें निमंत्रण भेजा गया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का वोट बैंक एक ही है. शाह ने कहा कि मौजूदा चुनाव में दो खेमे हैं– प्रधानमंत्री मोदी-नीत राजग और राहुल गांधी नीत ‘इंडिया’ गठबंधन. उन्होंने कहा कि मोदी यहां तक कि दिवाली भी सैनिकों के साथ मनाते हैं जबकि ‘‘राहुल बाबा तापमान में आंशिक वृद्धि होने पर छुट्टियां मनाने बैंकॉक (थाईलैंड) चले जाते हैं.” शाह ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और कांग्रेस के ओवैसी से डरे होने का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि क्या कांग्रेस या बीआरएस तेलंगाना को ओवैसी से बचा सकती है? उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने तुष्टीकरण की एबीसी की है. ए-असदुद्दीन ओवैसी, बी- बीआरएस और सी-कांग्रेस है.” भाजपा नेता ने दावा किया कि जीएसटी पूरे देश में लागू है जबकि तेलंगाना में ‘आरआर टैक्स’ लागू है. उन्होंने कहा कि ‘आरआर टैक्स’ का मतलब ‘राहुल-रेवंत टैक्स’ है. शाह ने भरोसा जताया कि भाजपा तेलंगाना में लोकसभा की कुल 17 सीट में से 10 से अधिक पर जीत दर्ज करेगी. राज्य में 13 मई को मतदान होना है. शाह ने हैदराबाद में एक अन्य रैली को भी संबोधित किया और कहा कि जब तक मोदी और भाजपा हैं किसी को भी देश में आरक्षण खत्म करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. उन्होंने कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि ये पार्टियां ऐसी हैं जो मुस्लिम वोट बैंक की खातिर रामनवमी में शोभा यात्रा निकालने की अनुमति रद्द कर देती हैं. उन्होंने प्रश्न किया कि अगर ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आता है तो प्रधानमंत्री कौन होगा, हालांकि ऐसा होने वाला नहीं है. उन्होंने शरद पवार, ममता बनर्जी, एम के स्टालिन, उद्धव ठाकरे और राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं का नाम लिया और प्रश्न किया कि क्या उन्हें प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है. शाह ने कहा कि जब एक पत्रकार ने ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं से प्रश्न किया तो उन्होंने कहा कि बारी-बारी से सभी एक साल के लिए प्रधानमंत्री बनेंगे. उन्होंने कहा कि देश कोई दुकान नहीं है जो साझेदारी से चलेगी. शाह ने लोगों से निजामाबाद में भाजपा उम्मीदवार डी अरविंद को वोट देने का आग्रह करते हुए कहा कि ईवीएम का बटन इतनी जोर से दबना चाहिए कि ‘करंट इटली तक महसूस हो.’
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