हाईकोर्ट के आदेश से नौकरी रद्द किये जाने से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी नाराज हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चाकुलिया सभा से न हटकर गद्दार अधिकारी और बीजेपी को जमकर कोसा. अपने शब्दों में वह कहते हैं कि बम फट जाएगा. बम क्या है? 26,000 लोग अपनी नौकरियाँ खो रहे हैं। लोगों की जान को मौत की ओर धकेलना बम कहलाता है! धन्यवाद कोर्ट क्या जज करेगा, गद्दार को पहले कैसे पता था? मुख्यमंत्री का सवाल, सोमवार को सुनाएंगे फैसला, 48 घंटे पहले शनिवार को कैसे पता चला? यदि निर्णय स्वयं लिखता है! उसके बाद सीबीआई किस नेता के घर जाएगी ये तो पहले से ही बता रही है. कैसे? अरे गद्दार, रजाकार, इस बार बीजेपी सत्ता में नहीं आएगी. कागजात का सर्वेक्षण कर रहे हैं. झूठ उनकी अपनी टीम है. पांच लाख लोग. पैसे से खिलाओ. सर्वे करके कहते हैं टीवी पर दिखाओ. कहते हैं बीजेपी को 500 सीटें मिलेंगी. तरह-तरह की बातें. तृणमूल के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. अगर किसी बीजेपी नेता को पूर्वाभास हो और फिर लगे कि हाई कोर्ट यह फैसला सुना रहा है तो इस मसले पर अगर कोई लिंक तलाशेगा तो गलत नहीं होगा. अगर कोई इस बात की ओर इशारा करके कहे कि बम फट जाएगा तो ये कहना होगा कि बीजेपी दफ्तर में बम बांधने का काम किया गया है. या फिर हाई कोर्ट के प्रांगण में हुआ. इन दोनों के बीच कुछ नहीं हो सकता. हम हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. लेकिन फैसले ने योग्य लोगों को नौकरी प्रदान करने के राज्य सरकार के प्रयासों को बाधित कर दिया।