कांग्रेस ने परीक्षा पेपर लीक के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि यह प्रवृत्ति पिछले 10 वर्षों से जारी है और इसीलिए इस चुनाव में बेरोजगारी और नौकरियों में भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘नीट परीक्षा का पेपर लीक होने की खबर 23 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं और उनके परिवारों के सपनों के साथ धोखा है.” गांधी ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘‘12वीं पास करके कॉलेज में दाखिले का सपना संजोए छात्र हों या सरकारी नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे होनहार युवा, हर किसी के लिए मोदी सरकार अभिशाप बन चुकी है.” उन्होंने कहा, ‘‘दस वर्ष से भाजपा सरकार के निकम्मेपन की कीमत अपने भविष्य की बर्बादी से चुका रहा युवा और उसका परिवार अब समझ चुका है कि जुबान चलाने और सरकार चलाने में फर्क होता है.” राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने सख्त कानून बनाकर युवाओं को पेपर लीक से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया है. उन्होंने कहा कि छात्रों को स्वस्थ और पारदर्शी माहौल पार्टी की गारंटी है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, ‘‘एक बार फिर से नीट का पेपर लीक होने की खबरें आ रही हैं. देश के 24 लाख युवाओं के भविष्य के साथ फिर से खिलवाड़ हुआ. पिछले दस बरसों से करोड़ों होनहार युवाओं के साथ चल रहा यह सिलसिला बंद होने का नाम नहीं ले रहा है. क्या देश के प्रधानमंत्री इस पर कुछ कहेंगे?” राहुल गांधी ने कहा, ‘‘युवाओं को बहलाने के लिए संसद में पेपर लीक के खिलाफ कानून पास हुआ था. वह कानून कहां है? लागू क्यों नहीं होता? इसीलिए बेरोजगारी और नौकरियों में भ्रष्टाचार इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा है. हमारे न्याय पत्र का संकल्प है कि पेपर लीक बंद होगा. भर्तियां कैलेंडर के हिसाब से निकलेंगी. खाली पद भरे जाएंगे. युवाओं के भविष्य के साथ यह खिलवाड़ बंद होगा और हम ये करके दिखाएंगे.” कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज बिहार में नीट के पेपर लीक होने की ख़बरें सामने आई हैं. इसके अलावे राजस्थान से परीक्षा केंद्रों पर नीट परीक्षा के प्रश्नपत्रों के गलत सेट बांटे जाने की भी शिकायतें आई हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘पिछले सात वर्षों में, 70 से अधिक पेपर लीक हुए हैं। ऐसा होने से दो करोड़ से अधिक अभ्यर्थियों का भविष्य बर्बाद हुआ है. कई राज्यों में पेपर लीक को लेकर कानून होने के बावजूद पेपर लीक हो रहे हैं.” रमेश ने कुछ उदाहरण उल्लेखित करते हुए कहा कि बिहार में 15 मार्च को शिक्षक भर्ती परीक्षा में 3.75 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था लेकिन कुछ ही दिनों में पेपर लीक की वजह से परीक्षा रद्द करनी पड़ी. उन्होंने कहा, ‘‘17 और 18 फरवरी को उत्तर प्रदेश पुलिस परीक्षा में 60 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था. 24 फरवरी को पेपर लीक के चलते योगी सरकार को परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी.” उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पांच युवा ‘न्याय गारंटियों’ में से एक ‘पेपर लीक से मुक्ति’ है. उन्होंने कहा, ‘‘पेपर लीक में शामिल अपराधियों को सिर्फ सजा देना पर्याप्त नहीं है. हमारा लक्ष्य किसी भी पेपर को लीक होने से रोकना है.”
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