‘कंचनजंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी दुर्घटना में रेलवे स्टाफ से कई गलतियां’, डीआरएम का दावा

एक या दो नहीं कंचनजंगा एक्सप्रेस मालगाड़ी दुर्घटना के पीछे कई खामियां हैं वहीं, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के डीआरएम सुरेंद्र कुमार ने इस बात को स्वीकार किया. मंगलवार की सुबह वह रेलवे लाइन के मरम्मत कार्य का निरीक्षण करने दुर्घटनास्थल पर गये थे उन्होंने वहां कई गलतियों के बारे में बताया उनके दावे के मुताबिक इस हादसे में तकनीकी खराबी के अलावा रेलवे स्टाफ की भी गलती पाई गई सोमवार सुबह सिलीगुड़ी के पास फांसीदेवा ब्लॉक के निजबारी और रंगपानी स्टेशनों के बीच कंचनजंगा एक्सप्रेस डाउन हो गई. एक मालवाहक गाड़ी खड़ी ट्रेन को पीछे से टक्कर मार देती है हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है कई घायल यात्रियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है उस घटना के बाद रेलवे अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगने लगे रेलवे सूत्रों के मुताबिक ऑटोमेटिक सिग्नलिंग या ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम काम नहीं कर रहा था इसलिए सेवा मैनुअल सिग्नलिंग के जरिए चलाई जा रही थी इस संबंध में रेलवे का एक मेमो या दस्तावेज सामने आया है पता चला कि रंगपानी स्टेशन के स्टेशन मास्टर ने डाउन लाइन पर कंचनजंगा एक्सप्रेस खड़ी होने के बावजूद मालवाहक गाड़ी को डाउन लाइन पर जाने की इजाजत दे दी. हालांकि, इससे पहले उनसे यह पता करने को कहा गया था कि रेल फाटक बंद है या नहीं और गेटमैन उन्हें सिग्नल दे रहा है या नहीं. और उस मेमो पर मालवाहक गाड़ी के मृत चालक अनिल कुमार का हस्ताक्षर है स्टेशन मास्टर ने मेमो नो सिग्नल से जाने की हरी झंडी दे दी है वहीं मेमो के सामने आते ही रंगापानी स्टेशन के स्टेशन मास्टर और मालगाड़ी के मृतक ड्राइवर पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है. हालांकि इस मामले में निजबारी और रंगपानी स्टेशनों के बीच तीन रेलवे फाटकों के गेटमैन की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. क्या उन्होंने माल जाने दिया? एनजेपी डीआरएम कार्यालय में रेलवे सुरक्षा आयुक्त की मौजूदगी में आज रंगापानी स्टेशन के स्टेशन मास्टर और गेटमैन से पूछताछ की जाएगी. डीआरएम सुरेंद्र कुमार ने कहा, “रेलवे सुरक्षा आयुक्त आए हैं. वह सब कुछ देख रहे हैं. आज वह बयान सुनेंगे.” हादसे में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों की.. ऐसे में वह जांच करेंगे.. इसमें कई खामियां सामने आई हैं.

error: Content is protected !!