केरल के तीन जिलों में वेस्ट नाइल बुखार फैलने की सूचना दी गई, स्वास्थ्य विभाग ने जारी कीं गाइडलाइंस

केरल के तीन जिलों में राज्य स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। मलप्पुरम, कोझिकोड और त्रिशूर जिलों में वेस्ट नाइल बुखार फैलने की सूचना दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बचाव के दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। पिछले सप्ताह केरल में स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय बैठक हुई। जिसमें राज्य स्वास्थ्य मंत्री ने मानसून से पूर्व साफ-सफाई आदि गतिविधियों में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। साथ ही जिला चिकित्सा के पदाधिकारियों को भी निर्देश दिए थे कि वे अपनी गतिविधियों में तेजी लाएं। साथ ही जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि वे स्थानीय सरकारी निकायों के साथ मिलकर काम करें। जिला वेक्टर नियंत्रण इकाई द्वारा कई जगहों से नमूने एकत्र किए गए हैं। सभी नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने जागरुकता कार्यक्रम भी चलाने के लिए कहा है। केरल के कई जिलों में वेस्ट नाइल बुखार के मरीजों देखे गए हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने केरल के मलप्पुरम, कोझिकोड और त्रिशूर जिलों में अभी अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने साथ ही सभी से अनुरोध किया है कि वे बुखार के लक्षण नजर आते ही तुरंत इलाज करवाएं। या आस-पड़ोस में किसी में भी लक्षण दिखते हैं तो उस व्यक्ति को तुरंत इलाज करवाने के लिए कहें। उन्होंने कहा कि इस वायरस के प्रकोप से बचने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यह डेंगू के समान है। अभी चिंता की या घबराहट की आवश्यकता नहीं है। अब तक हॉट स्पॉट नहीं हैं। कोझिकोड के जिला कलेक्टर स्नेहिल कुमार सिंह न बताया कि अब तक सिर्फ पांच मामले सामने आए हैं, जिनमें से चार ठीक हो गए हैं, एक का इलाज चल रहा है। ये बीमारी संक्रमित मच्छर के काटने से इंसानों में फैलती है। अगर समय पर मरीज का ट्रीटमेंट न हो तो ये बुखार एन्सेफलाइटिस का कारण भी बन सकता है। इस वजह से ब्रेन से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा रहता है। गंभीर मामलों में ये बीमारी मौत का कारण भी बन सकती है। बताया जा रहा है, कि वेस्ट नाइल संक्रमण के मुख्य लक्षण सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना और याददाश्त कमजोर होना हैं। मंत्री ने कहा कि चूंकि वेस्ट नाइल वायरस के इलाज के लिए कोई दवा या टीका उपलब्ध नहीं है, इसलिए लक्षणों का उपचार और रोकथाम जरूरी है। वेस्ट नाइल बुखार क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। युगांडा में 1937 में पहली बार इसका पता चला था। केरल में 2011 में पहली बार बुखार का पता चला था और मलप्पुरम के छह वर्षीय लड़के की 2019 में बुखार के कारण मौत हुई थी।  मई 2022 में त्रिशूर जिले में बुखार से 47 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। वेस्ट नाइल वायरस से घातक ‘न्यूरोलॉजिकल’ रोग हो सकता है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह मुख्य रूप से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ उपाय बताते हुए कहा की शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनने, मच्छरदानी और ‘रिपेलेंट’ का इस्तमाल करें। अगर फ्लू के लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर से इलाज कराएं। अपने घर और आसपास की जगह को साफ रखें। 

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