अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू, अमित शाह ने की मंगला आरती

भगवान जगन्नाथ की 147वीं रथ यात्रा के लिए रविवार सुबह गुजरात के अहमदाबाद से कई श्रद्धालुओं भीड़ एकत्र हुई। भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए जुलूस मार्ग पर उमड़े। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगला आरती की।  इस दौरान 22000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती भी की गई। आपात स्थिति, एम्बुलेंस समेत कई टीम स्टैंड-बाय पर रखी गई है। हिंदू कैंलेंडर के अनुसार आषाढ़ माह के दूसरे दिन रथ यात्रा निकाली जाती है। रविवार को गुजरात के अहमदाबाद शहर 147वीं रथ यात्रा शुरू हुई है। देशभर से श्रद्धालु इस नजारे को देखने के लिए जुलूस मार्ग पर एकत्र हुए। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगला आरती की। भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों को सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार खलाशी समुदाय के सदस्य खींचते हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘पहिंद विधि’ की। इसमें सोने की झाड़ू से रास्ता साफ करने की रस्म होती है, यह रस्म जमालपुर इलाके में भगवान जगन्नाथ के 400 साल पुराने मंदिर से निकाली गई। पुलिस के अनुसार इस रथ यात्रा के दौरान 22,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी इस आयोजन की सुरक्षा करेंगे और लोगों की आवाजाही पर नज़र रखने के लिए कुछ गुब्बारे लगे कैमरे भी लगाए गए हैं। वहीं 16 किलोमीटर के पूरे मार्ग पर भीड़ के साथ चलने के लिए 4,500 कर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं 1,931 कर्मी वार्षिक रथ यात्रा के 147वें संस्करण के दौरान यातायात का प्रबंधन कर रहे हैं। पुरानी परंपरा के अनुसार, रथों के नेतृत्व में जुलूस पुराने शहर के विभिन्न इलाकों से गुज़रने के बाद रात 8 बजे तक वापस लौट आएगा। इस बीच कुछ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाके भी शामिल हैं। आमतौर पर यात्रा में 18 सजे-धजे हाथी, 100 ट्रक और 30 ‘अखाड़े’  शामिल होते हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एक नियंत्रण कक्ष से जुड़े 1,733 बॉडी-वॉर्न कैमरों का उपयोग करके यात्रा पर कड़ी नज़र रखेंगे। 16 किलोमीटर के मार्ग पर 47 स्थानों पर 20 ड्रोन और 96 निगरानी कैमरे लगाए गए हैं। अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने गुरुवार को बताया कि मार्ग पर दुकानदारों द्वारा लगाए गए लगभग 1,400 सीसीटीवी कैमरों का भी लाइव निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, किसी भी चिकित्सा आपात स्थिति से निपटने के लिए 16 एम्बुलेंस और पांच सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा टीमों को भी स्टैंड-बाय पर रखा गया है।

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