पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कथित रूप से छेड़छाड़ के आरोपों से घिरे राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर जमकर निशाना साधा. ममता बनर्जी ने हुगली जिले के सप्तग्राम में आयोजित चुनावी सभा में राज्यपाल पर लगे छेड़छाड़ के आरोपों पर अपना मुंह खोला. उन्होंने कहा कि राजभवन बुलाने पर भी वह नहीं जाएंगी. उनके बगल में बैठना भी पाप है. सीएम ने राजभवन द्वारा सामने लाए गए सीसीटीवी फुटेज पर भी सवाल उठाए. बता दें कि छेड़छाड़ के कथित आरोप के बाद राजभवन की ओर से 100 लोगों को राजभवन के सीसीटीवी फुटेज दिखाए गए थे और आरोप को निराधार करार दिया गया था. राज्यपाल ने मुख्य सचिव को तत्काल उनके खिलाफ जांच बंद करने का भी आदेश दिया था. बता दें कि राजभवन की एक महिला अस्थायी कर्मचारी ने राजभवन के अंदर छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई है. उस शिकायत को लेकर पिछले कुछ दिनों से बंगाल की सियासत में बवाल मचा हुआ है. सत्तारूढ़ तृणमूल ने राज्यपाल को सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की चुनौती दी थी. उसके बाद राज्यपाल ने फुटेज सार्वजनिक किए थे. हालांकि संवैधानिक संरक्षण के कारण पुलिस सीवी आनंद बोस के खिलाफ औपचारिक जांच शुरू नहीं कर सकी है. ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल ने प्रेस को बुलाया. कुछ वीडियो संपादित करके दिखाए. पूरा शो किया? मेरे पास भी एक प्रति है. संपादित भी है. मुझे एक और वीडियो मिला है. कथित रूप से छेड़छाड़ का मामला सामने आने के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बिना नाम लिए ममता बनर्जी पर हमला बोला था और कहा था वह दीदीगिरी बर्दाश्त नहीं करेंगे. ममता बनर्जी ने राज्यपाल पर हमला बोलते हुए कहा, “माननीय राज्यपाल, मुझे बताएं कि मुझसे क्या गलती हुई है. मुझे पूरी कहानी नहीं पता है. मुझसे कह रहे हैं, दीदीगिरी नहीं चलेगी. लेकिन आप इस्तीफा कब देंगे?” उन्होंने कहा, ”डरें मत, मेरे पास कॉपी है. मेरे पास संपादित संस्करण भी है. अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है. मुझे एक और पेन ड्राइव मिली है. यदि आप मुझे दोबारा राजभवन में बुलाएंगे तो मैं नहीं जाऊंगी. मैं अब राजभवन नहीं जाऊंगी. यदि आप मुझे सड़क पर बुलाएंगे तो मैं चली जाऊंगी. अगर आप को बात करनी है तो मुझे सड़क पर बुलाएं लेकिन मैं जो कांड सुनी हूं उनमें आपके बगल में बैठना पाप है.” इसके साथ ही ममता बनर्जी ने संदेशखाली में महिला उत्पीड़न और बीजेपी पर लगे आरोप को लेकर भी अपना मुंह खोला. उन्होंने कहा, ”बहुत जघन्य अपराध हुआ है. जब किसी लड़की का आत्मसम्मान चला जाता है तो वह कभी वापस नहीं आता, लेकिन संदेशखाली में जिस तरह का काम हुआ है, जिस तरह की साजिश रची गयी है. उसका पर्दाफाश हो गया है.” बता दें कि संदेशखाली में महिला उत्पीड़न के आरोप के बाद कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया था कि सादा कागज पर उन लोगों के हस्ताक्षर ले लिए गए थे. उनलोगों के साथ किसी तरह का उत्पीड़न नहीं हुआ है.
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