मुख्यमंत्री 1 लाख 71 हजार करोड़ रुपये बकाया की मांग लेकर दिल्ली जा रहे हैं

पश्चिम बंगाल सरकार पर नरेंद्र मोदी सरकार की बड़ी रकम बकाया है. ममता बनर्जी समेत कई तृणमूल नेता बार-बार ऐसा कह चुके हैं. बकाया वसूलने के लिए तृणमूल नेताओं और मंत्रियों ने दिल्ली में धरना भी दिया. उस बड़ी रकम की मांग करने के लिए ममता बनर्जी कल दिल्ली जा रही हैं. यह एक नये स्रोत से आयी खबर है. कुल मांग 1 लाख 71 हजार करोड़ है. मुख्यमंत्री ने अपनी मांगों में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी और यहां तक ​​कि प्राकृतिक आपदाओं से प्राप्त बकाये को भी शामिल किया है. लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहली बार दिल्ली आ रही हैं. राज्य सरकार को केंद्र से सौ दिन के बकाए के 9,000 करोड़ रुपये मिलेंगे. आवास योजना में 8400 करोड़ बकाया. केंद्र के पास ग्रामीण सड़क योजना के तहत 6000 किमी सड़क की योजना दी गयी है. 6000 किलोमीटर का अनुदान 62,000 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से उपलब्ध है। ममता बनर्जी 34684 करोड़ केंद्रीय अनुदान की मांग करेंगी. ममता केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 92,900 करोड़ रुपये की भी मांग करेंगी। यास आपदा का केंद्र पर करीब 40 हजार करोड़ रुपये बकाया है. मुख्यमंत्री हर सेक्टर का अलग-अलग हिसाब लिखकर केंद्र को सौंपने जा रहे हैं. बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी पहली बार दिल्ली जा रही हैं. मालूम हो कि ममता नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगी. ममता बनर्जी पहले भी कई बार नीति आयोग की बैठकें रद्द कर चुकी हैं. लेकिन इस बार वह बैठक में शामिल हो रहे हैं. खास बात यह है कि नीति आयोग की बैठक का इंडिया ब्लॉक के कांग्रेस मुख्यमंत्रियों ने बहिष्कार किया है. नीति आयोग की बैठक में ममता बनर्जी की उपस्थिति को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इंडिया अलायंस के नेता नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे। ममता दिल्ली जाकर पार्टी के सांसदों के साथ बैठक करेंगी. मौजूदा राजनीतिक संदर्भ में सरकार पर कैसे हमला किया जाए, इसकी रूपरेखा तृणमूल सुप्रीमो दे सकती हैं।

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