लोकसभा चुनाव के प्रचार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में ‘आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 2024’ (सीडीआरआई) को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में सीडीआरआई की वृद्धि प्रभावशाली रही है। इस दौरान पीएम मोदी ने प्राकृतिक आपदाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि यह लगातार और अधिक गंभीर होती जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस का ध्यान वैश्विक दक्षिण पर है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “हम 2019 से एक लंबा सफर तय कर चुके हैं। यह अब 39 देशों और 7 संगठनों का वैश्विक गठबंधन है। भविष्य के लिए यह एक अच्छा संकेत है।” उन्होंने आगे कहा, “हम सभी ने देखा है कि प्राकृतिक आपदाएं लगातार और अधिक गंभीर होती जा रही हैं। उनके कारण होने वाली क्षति आमतौर पर डॉलर में बताई जाती है, लेकिन लोगों, परिवारों और समुदायों पर इसका वास्तविक प्रभाव इन आंकड़ों से परे है। बेहतर कल के लिए हमें आज टिकाऊ बुनियादी ढांचे में निवेश करना चाहिए। लचीलेपन को नए बुनियादी ढांचे के निर्माण में शामिल करने की जरूरत है। आपदा के बाद स्वाभाविक रूप से राहत और पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।” पीएम मोदी ने कहा, “यह खुशी की बात है कि सीडीआरआई का फोकस वैश्विक दक्षिण पर है। भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया था। एक नया आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह का गठन किया गया था। सीडीआरआई के विकास के साथ-साथ ऐसे कदम दुनिया को टिकाऊ भविष्य की तरफ ले जाएंगे। मुझे यकीन है कि अगले दो दिनों में सीडीआरआई पर विचार-विमर्श होगा।” प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि छोटे द्वीप विकासशील राज्यों (एसआईडीएस) में आपदाओं का खतरा अधिक है। सीडीआरआई का एक कार्यक्रम है जो 13 स्थानों पर परियोजनाओं को वित्तपोषित कर रहा है। डोमिनिकन रिपब्लिक में टिकाऊ आवासीय योजना और पापुआ न्यू गिनी में टिकाऊ परिवहन योजना इसका उदाहरण है।