प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब की देखरेख में सोमवार सुबह 11 बजे से विजयी सांसदों का शपथ ग्रहण शुरू होगा. मोदी सरकार की तीसरे दौर की जीत के बाद पहला लोकसभा सत्र सोमवार को शुरू हुआ। यानी अठारहवीं लोकसभा का पहला सत्र. इस बीच पिछले कुछ दिनों से नेट-नेट परीक्षाओं में अनियमितता और भ्रष्टाचार के मामले को लेकर देश की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है. इसके अलावा पिछले कुछ दिनों में रेल दुर्घटना समेत कई मुद्दों पर विपक्ष ने अपना सुर बुलंद किया है. राजनीतिक हलकों में यह बार-बार कहा जाता रहा है कि भारत गठबंधन पहले सत्र से ही कई मुद्दों पर स्वर उठाएगा। हालांकि, सत्र से पहले प्रधानमंत्री ने उन्हें एक संदेश दिया. विरोधियों के आवाज उठाने से पहले मोदी ने कहा, आम लोग सांसदों से काम चाहते हैं, नारे या परेशानी नहीं. नए संसद भवन के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि सांसद आम लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि देश में एक जिम्मेदार विपक्षी दल की जरूरत है, हालांकि आम लोग संसद में सांसदों से काम और चर्चा की उम्मीद करते हैं, उपद्रव या नारेबाजी की नहीं. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अब तक विपक्ष की स्थिति निराशाजनक थी.’ हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि इस बार विपक्ष अपनी भूमिका ठीक से निभाएगा और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखेगा. बता दें कि इस बार एक दशक के बाद हाट शिबिर संसद में विपक्षी दल बनकर उभरी है. विपक्षी गठबंधन भारत चुनाव से पहले से ही बीजेपी के विरोध में एकजुट होकर लड़ रहा है. जानकार हलकों का मानना है कि विपक्षी गठबंधन सत्र में कई मुद्दों पर सरकार के विरोध में स्वर बुलंद करेगा.
आम लोगों को सांसदों से नारों की नहीं कार्रवाई की उम्मीद, पहले सत्र से पहले मोदी का संदेश
