99 रुपये की स्कीम 32 लोगों की जिंदगी पर पड़ी भारी, राजकोट ‘गेम जोन’ के मालिक और मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया

गुजरात के राजकोट में टीआरपी शॉपिंग मॉल के अंदर बने एक गेमिंग जोन में लगी आग से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 35 तक पहुंच गई है. मृतकों में 10 बच्चे भी शामिल हैं. इस भीषण घटना पर गुजरात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. गर्मी की छुट्टियों में सोमवार को विशेष न्यायाधीश की बेंच बैठेगी और इस मामले में हुई चूक और कार्रवाई पर जवाब तलब करेगी. इस घटना में हुई इतनी ज्यादा संख्या में मौत कई तरह के सवाल उठा रही है. लोग यह सवाल कर रहे हैं कि दिन के वक्त आखिर इतनी ज्यादा लोग आग में कैसे फंस गए और उनकी जान चली गई. दरअसल पता चला है कि इस गेमिंग जोन में शनिवार को 99 रुपये की वीकेंड स्कीम शुरू की गई थी. इस स्कीम के चलते गेम जोन में बड़ी संख्या में बच्चों सहित कई लोग मौजूद थे. हालांकि वहां एंट्री और एग्जिट के लिए 6 से 7 फीट का एक ही गेट था. ऐसे में आग भड़कने पर कई लोग वक्त रहने निकल नहीं पाए और काल के गाल में समा गए. इस अग्नीकांड के बाद सोशल मीडिया पर एक अग्रीमेंट लेटर वायरल हो रहा है. पता चला है कि टीआरपी गेम जोन में आने वाले लोगों को एक फॉर्म भरना होता था. इसमें लिखा होता था कि अगर उन्हें कुछ भी होता है तो गेम ज़ोन उसका जिम्मेदार नहीं होगा. GameZone में कोई भी दुर्घटना या क्षति के लिए जिम्मेदार वह व्यक्ति खुद होगा. गेमज़ोन में किसी व्यक्ति की मृत्यु या चोट के लिए गेमज़ोन ऑपरेटर जवाबदेह नहीं होगा. इस फॉर्म पर साइन करने के बाद ही किसी को अंदर जाने दिया जाता था. इस बीच पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ‘गेम जोन’ के मालिक और मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि शव बुरी तरह से जले हुए हैं और उनकी शिनाख्त में मुश्किल आ रही है. इस वजह से शवों और मारे गए लोगों के परिजन के डीएनए सैंपल इकट्ठा किए गए हैं. उधर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी रविवार सुबह नाना-मावा रोड पर घटनास्थल और उस अस्पताल का दौरा किया, जहां घायल व्यक्तियों को भर्ती कराया गया है. उन्होंने इस घटना की जांच के लिए 5 सदस्यीय एसआईटी बनाई है. इस एसआईटी को 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपनी है. मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजन को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने का भी ऐलान किया है.

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