10 मई से उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा शुरू हो रही है. चारधाम के कपाट खुलने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. हरिद्वार से ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी केदारनाथ धाम के लिए रवाना हो चुके हैं. शंकराचार्य की मौजूदगी में केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाते हैं. हरिद्वार से केदारनाथ जाते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सरकार से अपील की कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को सरल व सुगम व्यवस्था मिलनी चाहिए. इस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में कई राज्य ऐसे हैं, जो कि लोगों को बुलाने के लिए तरह-तरह से आकर्षित करते हैं. उसके बावजूद भी लोग वहां नहीं जाते. लेकिन भगवान और चारधाम की इतनी कृपा है कि बिना बुलाए ही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में देश के हर कोने से लोग उत्तराखंड पहुंचते हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि उनके लिए उचित व्यवस्था करे और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी ना हो, इसका भी ध्यान सरकार को देना चाहिए. इसी के साथ चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपील करते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं को यह अपने जेहन में डाल लेना चाहिए, कि वह देव भूमि में आध्यात्मिक यात्रा पर आ रहे हैं. ना कि मनोरंजन यात्रा पर. इसलिए इस यात्रा पर पहले से ही आप आध्यात्मिक यात्रा समझ कर आएं तो अच्छा होगा. अगर इस दौरान उन्हें कष्ट भी होता है, तो वह भी महसूस नहीं होगा. इसी के साथ उन्होंने कहा कि हमारे ग्रंथों में कहा जाता है कि तीर्थ के दर्शन करने से मनुष्य द्वारा किए गए पाप खत्म होते हैं. अगर तीर्थ में ही कोई व्यक्ति पाप करता है, तो उसका कहीं भी पश्चाताप नहीं है. इसलिए चारधाम यात्रा में आने से पहले चारधाम यात्रा और उसके महत्व को समझ कर ही यात्रा पर आएं. वहीं सरकार द्वारा चारधाम में श्रद्धालुओं को असुविधा से बचाने के लिए की गई टोकन व्यवस्था पर बोलते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह व्यवस्था भले ही सरकार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कर रही हो, लेकिन इससे उनको और परेशानी का सामना करना पड़ेगा. लाइन में लगने से श्रद्धालु एक तपस्या की तरह ही भगवान के दर्शन करने जाता था, लेकिन इस टोकन व्यवस्था से श्रद्धालुओं को कई समस्या सामने आएंगी. चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए पौड़ी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बेस चिकित्सालय श्रीकोट के सभागार में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बैठक में नगर निगम, पेयजल, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों को आवश्यक तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण भी किया. जिलाधिकारी ने चारधाम यात्रा की बैठक लेते हुए सभी अधिकारियों को यात्रा से जुड़ी उनकी जिम्मेदारियों के बारे में आवश्यक निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्थाओं को पूर्ण करें. उन्होंने कहा कि जनपद क्षेत्रांतर्गत यात्रा मार्ग के विभिन्न पड़ावों पर पेयजल, सीसीटीवी, शौचालय, साइन बोर्ड, स्ट्रीट लाइट, पार्किंग व्यवस्था करना सुनिश्चित करें. जिलाधिकारी ने कहा कि चारधाम यात्रा के सफल संचालन के लिए श्रीनगर में कन्ट्रोल रूम स्थापित करें. साथ ही कहा कि पार्किंग स्थलों के पास मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था करवाना सुनिश्चित करें. उन्होंने लैंडस्लाइड को देखते हुए लोनिवि के अधिकारियों को संवेदनशील स्थानों पर बड़े आकार का चेतावनी साइन बोर्ड लगाने के निर्देश दिये हैं. ताकि ट्रैफिक को समय रहते वैकल्पिक मार्ग पर डाइवर्ट किया जा सके. डीएम ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि यात्रा मार्ग से गुरजने वाले प्रत्येक वाहन चालक का एल्कोहॉलिक टेस्ट व वाहन संचालन की समयावधि पर विशेष बल दिया जाए. जिलाधिकारी ने बेस चिकित्सालय श्रीकोट के सीएमएस को निर्देश दिये कि वे एक्सीडेंटल केस व कार्डियक मरीजों के उपचार की समुचित व्यवस्था करना सुनिश्चित करें. जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारी को यात्रा मार्ग के होटलों, ढाबों, मिष्ठान दुकानों आदि का निरंतर निरीक्षण करने के निर्देश भी दिये. उन्होंने यह भी कहा कि बाहरी लोगों का सत्यापन करना सुनिश्चित करें. साथ ही उन्होंने कहा कि शहर में घूम रहे आवारा पशुओं को गौशाला में रखें, जिससे शहर में लग रहे जाम से निजात मिल सकेगी.