संदेशखाली में सीबीआई की छापेमारी, नाराज टीएमसी सरकार ने की चुनाव आयुक्त से शिकायत

पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के मतदान के दौरान संदेशखाली में शुक्रवार को सीबीआई ने छापोमारी की थी। सीबीआई की इस छापेमारी से बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी यानी की टीएमसी नाराज है। ममता सरकार यानी की टीएमसी ने बंगाल के मुख्य चुनाव आयुक्त के पास सीबीआई के खिलाफ शिकायत की। बता दें कि सीबीआई को संदेशखाली में जांच के दौरान हथियारों का एक बड़ा जखीरा छिपे होने का इनपुट मिला था। शुक्रवार को टीम ने अभियान चलाकर विदेशी पिस्तौल समेत कई हथियार बरामत किया। टीएमसी ने कहा कि जब राज्य में दार्जिलिंग, रायगंज और बालुरघाट में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान जारी था, तब केंद्रीय एजेंसी ने संदेशखाली में एक खाली इलाके में झूठी छापेमारी की। सीबीआई ने शुक्रवार को टीएमसी के निलंबित नेता शाहजहां शेख से जुड़े दो स्थानों से सर्विस रिवॉल्वर और विदेशी निर्मित आग्नेयास्त्र बरामत किया। टीएमसी ने चुनाव आयुक्त को चिट्ठी में बताया कि मीडिया के हवाले से मालूम चला कि सीबीआई ने छापेमारी के लिए एनएसजी के बम दस्ते समेत अन्य बलों को भी बुलाया था। पार्टी ने कहा कि छापेमारी करने से पहले सीबीआई ने पुलिस अधिकारियों को कोई नोटिस जारी नहीं किया था। पार्टी को यह भी संदेह है कि ये हथियार वास्तव में तलाशी के दौरान बरामद किए गए थे या उन्हें सीबीआई या एनएसजी द्वारा गुप्त रूप से रखा गया था। कोलकाता से 100 किमी दूर सुंदरबन के सीमावर्ती इलाकों में बसा संदेशखाली में पिछले एक साल से हिंसा जारी है। दरअसल, गांव की महिलाओं ने बीते दिनों आरोप लगाए थे कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख और अन्य टीएमसी नेताओं ने उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया और कुछ महिलाओं ने टीएमसी नेताओं पर यौन शोषण के भी आरोप लगाए थे। इसे लेकर संदेशखाली में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यकर्ता भी संदेशखाली में प्रदर्शन कर रहे हैं। शाहजहां शेख राशन घोटाले में आरोपी है और बीते दिनों ईडी टीम पर हुए हमले में भी शाहजहां शेख आरोपी है। वहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया था।

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